Cervical cancer awareness : कैंसर होने का पता चलने पर मरीज और उसके परिवार में चिंता का माहौल बन जाता है। कैंसर को जानलेवा बीमारी माना जाता है। कैंसर के दो सौ से भी अधिक प्रकार के होते हैं। उनमें से ज्यादातर पुरुषों और महिलाओं दोनों में देखे जाते हैं। लेकिन कुछ प्रकार केवल महिलाओं में ही देखे जाते हैं। जिनमें से Cervical cancer एक है। इस लिए महिलाओं को Cervical cancer awareness के बारे में जाना जरूरी है।
भारतीय महिलाओं में इस कैंसर की घटना महत्वपूर्ण है। भारत ने हाल ही में इस कैंसर के खिलाफ स्वदेशी टीका पेश किया है। जल्द ही यह वैक्सीन बाजार में उपलब्ध होगी। इस कैंसर के कारण, इससे होने वाली मौत, इसके लक्षण आदि के बारे में जानना आवश्यक है। दरअसल इस कैंसर के पीछे कुछ कारण होते हैं। इसके लक्षण कुछ देर से दिखाई देते हैं। लेकिन जैसे ही लक्षण प्रकट होते हैं, तत्काल निदान और उपचार जरूरी है। आए जानते हैं Cervical cancer awareness के बारे में।
महिलाओं के गर्भाशय के निचले हिस्से को सर्विक्स कहते हैं। सर्वाइकल कैंसर एक महिला के गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं को प्रभावित करता है। इसे सर्वाइकल कैंसर भी कहते हैं। सर्वाइकल कैंसर के तीन मुख्य प्रकार हैं। इसमें स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा, एडेनोकार्सिनोमा, मिश्रित कार्सिनोमा शामिल हैं।
कैंसर क्या है
कैंसर शब्द का इस्तेमाल आमतौर पर उस सेल या टिशू के लिए किया जाता है जहां यह शुरू होता है। कैंसर, किसी कोशिका के असामान्य तरीके से बढ़ने की बीमारी है। आमतौर पर, हमारे शरीर की कोशिकाएं नियंत्रित तरीके से बढ़ती हैं और विभाजित होती हैं। जब सामान्य कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है या कोशिकाएं पुरानी हो जाती हैं, तो वे मर जाती हैं और उनकी जगह स्वस्थ कोशिकाएं ले लेती हैं।
cancer में कोशिका के विकास को नियंत्रित करने वाले संकेत ठीक से काम नहीं करते हैं। कैंसर की कोशिकाएं बढ़ती रहती हैं और जब उन्हें रुकना चाहिए तो कई गुना बढ़ जाती हैं। दूसरे शब्दों में कहें, तो कैंसर कोशिकाएं स्वस्थ कोशिकाओं वाले नियमों का पालन नहीं करती हैं। कैंसर के दो सौ से भी अधिक प्रकार के होते हैं। उनमें से ज्यादातर पुरुषों और महिलाओं दोनों में देखे जाते हैं। लेकिन कुछ प्रकार केवल महिलाओं में ही देखे जाते हैं। जैसे की Cervical cancer महिलाओं में ज्यादा होती है।
दुनिया भर में छह लाख से ज्यादा महिलाओं को Cervical cancer
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर के अनुसार, भारत में हर साल 1.23 लाख मामलों में Cervical cancer का निदान किया जाता है। इस कैंसर से हर साल 67 हजार महिलाओं की मौत हो जाती है। यह भारतीय महिलाओं में पाया जाने वाला दूसरा सबसे आम कैंसर है। Cervical cancer के मामले में भारत दुनिया में पांचवें स्थान पर है। साल 2020 में दुनिया भर में 6 लाख से ज्यादा महिलाओं को इस कैंसर का पता चला। इनमें 3.42 लाख महिलाओं की मौत इस कैंसर से हुई। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, इनमें से 90 प्रतिशत रोगी निम्न या मध्यम आय वाले देशों से थे।
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Cervical cancer के लक्षण
इस कैंसर को विकसित होने में आमतौर पर 10 से 15 साल लगते हैं। इसलिए जिन महिलाओं की उम्र 35 से अधिक है, उन्हें इस बीमारी के लक्षणों पर ध्यान देने की जरूरत है। Cervical cancer के निदान के लिए पैप स्मीयर टेस्ट या एचपीवी टेस्ट की आवश्यकता होती है। अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार, 25 से 65 वर्ष की आयु की महिलाओं को इस कैंसर की जांच करानी चाहिए। हर पांच या तीन साल में परीक्षण करवाना आवश्यक है। मासिक धर्म के बिना रक्तस्राव, निजी अंगों से सफेद डिस्चार्ज, अचानक वजन कम होना, निजी अंगों से दुर्गंध आना इस कैंसर के कुछ लक्षण हैं।
Cervical cancer के कारण
कमजोर इम्युनिटी होना, गंभीर बीमारी होना, एक से अधिक पार्टनर के साथ सेक्स करना, पांच साल से अधिक समय तक लगातार गर्भनिरोधक गोलियां लेना, धूम्रपान ऐसे कारक हैं जो महिलाओं में Cervical cancer के खतरे को बढ़ाते हैं। मानव पेपिलोमा वायरस (HPV) के विभिन्न उपभेद Cervical cancer के लिए जिम्मेदार हैं। शारीरिक संबंध इस कैंसर का मुख्य कारण है। Cervical cancer एक यौन संचारित रोग है। यह वायरस शारीरिक संपर्क से पुरुषों से महिलाओं में फैलता है। यह कैंसर उन महिलाओं में पाया जाता है जो एक से अधिक पुरुषों के साथ असुरक्षित यौन संबंध बनाती हैं। 35 से 44 साल की उम्र की महिलाओं को इसका खतरा अधिक होता है। 15 प्रतिशत से अधिक नए मामले 65 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में हैं, खासकर वे जिन्हें नियमित जांच नहीं मिलती है।
Cervical cancer का वैक्सीन उपलब्ध
सर्वाइकल कैंसर के बढ़ते मामलों को देखते हुए भारत ने इसके लिए एक स्वदेशी टीका विकसित किया है। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन में इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल एंड पीडियाट्रिक ऑन्कोलॉजी की एक रिपोर्ट प्रकाशित की गई है। वहीं, HPV टीके का तीन वर्षों तक अध्ययन किया गया। यह पाया गया कि यह टीका 95.8 प्रतिशत प्रभावी है। यह टीका महिलाओं को Cervical cancer और वुल्वर कैंसर से बचाने में शत-प्रतिशत कारगर पाया गया।
Cervical cancer के खतरे से बचने के लिए इन बातों का रखें ध्यान
सर्वाइकल कैंसर के खतरे से बचने के लिए महिलाओं को चाहिए कि वे अपने प्राइवेट पार्ट की साफ-सफाई का ध्यान रखें। जैसे ही लक्षण दिखाई दें, तुरंत जांच करानी चाहिए। एक निश्चित उम्र के बाद महिलाओं के पीरियड्स बंद हो जाते हैं। इसे मेनोपॉज कहते हैं। मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग होना सामान्य नहीं है। कुछ महिलाओं को संभोग के बाद रक्तस्राव का अनुभव होता है। लेकिन अगर ब्लीडिंग ज्यादा हो तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
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