PM Vishavkarma Yojna : कौशल विकास के कार्यों को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री ने स्वतंत्र दिवस के अवसर पर लाल किले से PM Vishavkarma Yojna की घोषणा की है। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना पर 13 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इस कौशल कार्यों को बढ़ाने वाले कर्मचारियों को ऋण सुविधाओं और बाजार में पहुंच प्रदान करने में मदद मिलेगी।
शिल्पकारों को इस योजना के तहत 5 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर पर 2 लाख रुपये तक का ऋण मिलेगा। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि विश्वकर्मा योजना से 30 लाख कारीगर परिवारों (बुनकर, सुनार, लोहार, कपड़े धोने वाले श्रमिक और नाई) लाभ मिलेगा। इस योजना से 30 लाख पारंपरिक कारीगरों को लाभ होगा, जो 2023–2024 और 2027–2028 के बीच पांच वर्षों में 13 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से कहा कि यह योजना विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर 17 सितंबर को शुरू की जाएगी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि छोटे-छोटे कस्बों में कई वर्ग हैं जो गुरु-शिष्य परंपरा के तहत कौशल से जुड़े कामों में लगे हैं।
इनमें लोहार, कुम्हार, राज मिस्त्री, धोबी, फूलों का काम करने वाले, मछली का जाल बुनने वाले, ताला-चाबी बनाने वाले और मूर्तिकार शामिल हैं।
साथ ही उपकरण खरीद में मदद
केन्द्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में इन वर्गों का महत्वपूर्ण स्थान है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से मंत्रिमंडल की इस योजना का संकेत दिया था।
उनका कहना था कि इसमें नए उपकरणों और डिजाइन की जानकारी और इन वर्गों का कौशल विकास शामिल होगा। साथ ही, उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत उपकरणों की खरीद में मदद की जाएगी।
दो अलग-अलग कार्यक्रम
इसके तहत दो तरह के कौशल विकास कार्यक्रम होंगे: एक ‘बेसिक’ और दूसरा ‘एडवांस’। इस पाठ्यक्रम को पूरा करने वालों को स्टाइपंड भी मिलेगा। वैष्णव ने कहा कि कौशल प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले लाभार्थियों को प्रतिदिन पांच सौ रुपये मानदेय दिया जाएगा।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत पहली चरण में एक लाख रूपये का तक कर्ज दिया जाएगा, जिस पर अधिकतम पांच प्रतिशत की रियायती ब्याज देय होगी। व्यापार को व्यवस्थित करने के बाद दूसरे चरण में दो लाख रुपये का रियायती ऋण दिया जाएगा।
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15 हजार अतिरिक्त सहायता
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि PMV योजना के तहत कारीगरों और शिल्पकारों को PMV प्रमाणपत्र, पहचान पत्र और मान्यता दी जाएगी।
इस योजना का उद्देश्य कारीगरों को डिजिटल लेनदेन में प्रोत्साहन देना होगा और उनका बाजार सहयोग करना होगा। इसके तहत भी आधुनिक उपकरण खरीदने में 15 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
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