गाय पालन प्रोत्साहन योजना यूपी : हरियाणा सरकार ने 70 साल से अधिक आयु के पेड़ों के लिए पेंशन स्कीम शुरू की है वहीं अब यूपी की योगी सरकार ने नन्द बाबा दुग्ध मिशन के तहत मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना शुरू की है. इस योजना का उद्देश्य उत्तर प्रदेश में गौपालकों की आय, आत्मनिर्भरता और स्वदेशी नस्ल की गायों के प्रति रुझान बढ़ाना है।इसके अलावा, प्रोत्साहन धनराशि, योग्यता, मानक, उद्देश्य और स्वरूप को स्पष्ट करने वाली सरकारी अधिसूचना भी जारी की गई है।
शासन के आदेशा अनुसार, योजना स्वदेशी नस्ल की गाय के पहले, दूसरे और तीसरे ब्यात (प्रसव) पर लागू होगी. अधिकतम दो स्वदेशी नस्ल की गायों में नस्ल सुधार और दुग्ध उत्पादकता में वृद्धि के लिए एक पशुपालक को प्राेत्साहन धनराशि दी जाएगी। पशुपालकों को दस और पंद्रह हजार रुपये प्रोत्साहन के रूप में दिए जाएंगे, जो दो भागों में विभाजित है।
दुग्ध आयुक्त और मिशन निदेशक शशि भूषण सुशील ने बताया कि प्रदेश में पर्याप्त संख्या होने के बावजूद, स्वदेशी गायों में नस्ल सुधार, बेहतर देखभाल, गुणवत्तायुक्त पोषण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता की कमी के कारण उनका योगदान अपेक्षाकृत कम है। नंद बाबा दुग्ध मिशन के तहत मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना का उद्देश्य प्रदेश के पशुपालकों को उच्च उत्पादकता एवं गुणवत्ता वाली स्वदेशी गायों (गिर, साहीवाल, हरियाणा, गंगातीरी तथा थारपारकर) को पालने के लिए प्रोत्साहित करना था। इसके तहत पशुपालकों को प्रशस्ति पत्र और नगद पुरस्कार देने की व्यवस्था की गई है।
उनका कहना था कि योगी सरकार की मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना में दस से पंद्रह हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। इस धन को दो भागों में विभाजित किया गया है। साहिवाल, गिर और थारपारक गायों को आठ से बारह किलो प्रतिदिन दूध देने पर दस हजार रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाएगी, जबकि बारह किलो से अधिक दूध देने पर पंद्रह हजार रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
गायों को हर दिन छह से दस किलो दूध देने पर दस हजार रुपये मिलेंगे, और दस किलो से अधिक दूध देने पर पंद्रह हजार रुपये मिलेंगे। गाय को हर दिन छह से आठ किलो दूध देने पर दस हजार रुपये और आठ किलो से अधिक दूध देने पर पंद्रह हजार रुपये मिलेंगे।
स्वदेशी नस्ल की गाय के जीवनकाल में एक बार ही लाभ उठा सकेंगे (गाय पालन प्रोत्साहन योजना )
स्वदेशी नस्ल की गायों के पहले, दूसरे और तीसरे ब्यात पर मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना लागू होगी। प्रदेश के प्रगतिशील पशुपालक कम से कम दो गायों पर इस योजना का लाभ उठा सकेंगे। योजना एक गाय की उच्च उत्पादकता के लिए उसके जीवनकाल में केवल एक बार काम करेगी।
योजना का लक्ष्य प्रदेश में दुग्ध उत्पादकता को बढ़ाकर पशुपालकों की आय को बढ़ाना है। साथ ही राज्य में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता को बढ़ाकर देश भर में लाना है। फर्म, समूह और संगठन योजना का लाभ नहीं उठा सकेंगे। योजना केवल प्रत्यक्ष लाभार्थी के लिए है। गाय की ब्यॉत की तिथि से 45 दिन के भीतर लाभार्थी को आवेदन करना होगा।
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