SACHPOST NEWS, HARYANA : जब कहीं कोई वारदात या घटना होती है तो पुलिस FIR में जाति और धर्म के बारे में भी उल्लेख कर देती है लेकिन अब ऐसा नहीं होगा पुलिस की FIR में अब (Caste-religion in FIR) इसका उल्लेख नहीं किया जाएगा।
हाई कोर्ट हरियाणा पुलिस को आदेश दिए हैं कि वे कुछ विशिष्ट आपराधिक मामलों को छोड़कर FIR और पुलिस कार्यवाही में संदिग्ध, आरोपित या सूचना देने वाले व्यक्ति के जाति या धर्म (Caste-religion in FIR ) का उल्लेख ना करें।
हरियाणा में अब FIR में जाति-धर्म का जिक्र नहीं किया जाएगा। अगर कहीं भी जाति-धर्म का उल्लेख करना जरूरी हुआ तो उसका कारण दिया जाएगा। यह जानकारी हरियाणा के डीजीपी ने हाई कोर्ट में एक हलफनामा दायर कर दी है।
हाईकोर्ट को बताया गया कि हरियाणा पुलिस ने राज्य में अपने फील्ड स्टाफ से कहा है कि वे कुछ विशिष्ट आपराधिक मामलों को छोड़कर FIR या पुलिस कार्यवाही में संदिग्ध, आरोपित या सूचना देने वाले व्यक्ति के धर्म का उल्लेख ना करें।
बता दें कि पुलिस कार्यवाही में व्यक्ति के धर्म या जाति के जिक्र को गलत करार देते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा के डीजीपी को इस प्रक्रिया को रोकने के लिए उठाए कदमों की जानकारी सौंपने का आदेश दिया था। इससे पहले हाई कोर्ट ने पंजाब पुलिस को FIR में आरोपियों का धर्म या जाति लिखने से रोका था।
धार्मिक समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने या उनके पूजा स्थलों को अपवित्र करने के मामलों में, सूचना देने वाले, शिकायतकर्ता या पीड़ितों और उन संदिग्ध आरोपितों के धर्म का धारा 295 के तहत FIR दर्ज करते समय उल्लेख किया जा सकता है। लेकिन इसके अलावा अन्य मामलों में धर्म या जाति का उल्लेख (Caste-religion in FIR) करना गलत है इस तुरंत प्रभाव से रोका जाना चाहिए।
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