National Pension Scheme : पुरानी पेंशन बाहाली को लेकर कर्मचारी हरियाणा सहित कई राज्यों में मांग उठा चुके है और प्रदर्शन भी कर चुके हैं और लगातार Old Pension Scheme बहाली की मागं कर रहे है। लेकिन अब केंद्र की मोदी सरकार ने National Pension Scheme में भी बदलाव करने का मूड बना लिया है। सूत्रों के अनुसार इस साल के अंत तक नेशनल पेंशन स्कीम में बदलाव करने की तैयारियां की जा रही है। जानें क्या-क्या बदलाव हो सकते हैं।
कर्मचारियों को इनका कितना फायदा मिलेगा। साल के अंत तक NPS में बदलाव की संभवना जताई जा रही है। पिछले दिनों एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि केंद्र सरकार (Central government) की तरफ से इस साल के अंत तक नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) में बदलाव किया जा सकता है। सरकार यह तय करने की तैयारी कर रही है कि कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद उनके आखिरी दिनों में सैलरी से कम से कम 40 से 45 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिले। इस बारे में एक उच्च स्तरीय पैनल की तरफ से यह सिफारिश की गई है।
पांच राज्यों में होने वाले हैं विस चुनाव
देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव (Assembly elections in five states)होने ही वाले हैं। इसके बाद लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections)भी होने हैं। ऐसे में चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हैं। इसी माहौल में पुरानी पेंशन की मांग (Demand for old pension) फिर से जोर पकड़ने लगी है। केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने पुरानी पेंशन पर अपनी बात रखी।
इन राज्यों में पुरानी पेशनन योजना बहाल
पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) को बहाल करने की मांग केंद्रीय कर्मचारियों की ओर से लगातार की जा रही है। सरकारी कर्मचारियों की मांग पर फैसला करते हुए गैर भाजपा शासित राज्यों (non-BJP ruled states) छत्तीसगढ़, राजस्थान, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया गया है। कुछ राज्यों में भी सरकारी कर्मचारी (Government employee) ओपीएस की बहाली (ops restoration) की मांग को लेकर हड़ताल पर चले गए थे। राजनीतिक पार्टियां (political parties) इसमें अपना राजनीतिक फायदा भी देख रही हैं। दूसरी तरफ ओपीएस की बहाली के बाद रिटायर्ड कर्मचारियों को आर्थिक फायदा हुआ है।
बहाल करने का किया था वादा
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव (Himachal Pradesh Assembly Elections)के दौरान कांग्रेस ने पुरानी पेंशन को बहाल करने का चुनावी वादा किया था। इसके बाद हिमाचल प्रदेश में सत्ता में आने पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वादा निभाते हुए पुरानी पेंशन को बहाल कर दिया है। अब जब देश के पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हैं तो पुरानी पेंशन की मांग फिर से जोर पकड़ने लगी है। जानिए केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने पुरानी पेंशन की बहाली पर क्या कहा।
ओपीएस बड़ा चुनावी मुद्दा
केंद्रीय गृहमंत्री से पूछा गया कि हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में पुरानी पेंशन योजना (old pension scheme)की बहाली बड़ा चुनावी मुद्दा रहा, यहां भाजपा हार गई। इस पर उन्होंने कहा कि यह सच है कि सरकारी कर्मचारियों की तरफ से पुरानी पेंशन योजना की वापसी की मांग की जा रही है। लेकिन हमें इसे बहाल करने से पहले संसाधनों की उपलब्धता और बजटीय दिक्कत को भी देखना होगा। उन्होंने कहा कि इसकी जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी की तरफ से मिलने वाली रिपोर्ट के आधार पर पेंशन के मामले पर फैसला किया जाएगा।
आधिकारिक बयान नहीं दिया
इसको लेकर सरकार ने किसी तरह का आधिकारिक बयान नहीं दिया है। लोकसभा चुनाव से पहले सरकार इस पर फैसला ले सकती है। पुरानी पेंशन योजना के तहत कर्मचारियों को अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में देने का प्रावधान है। राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, छत्तीसगढ़ और झारखंड में पुरानी पेंशन योजना को बहाल कर दिया गया है। मौजूदा समय में लागू मार्केट लिंक्ड पेंशन प्लान को साल 2004 में लॉन्च किया गया था। इसमें कर्मचारियों को मूल वेतन का 10% और सरकार को 14% योगदान देने की जरूरत होती है। जबकि पुरानी पेंशन में कर्मचारी का किसी तरह का योगदान नहीं होता।