International Men’s Day : भले ही समाज में पुरुषों को महिलाओं से मजबूत समझा जाता हो लेकिन वास्तव में वो भी अवसाद डिपरेशन का शिकार हो जाते हैं। और बहुत बार आत्महत्या तक कदम उठाने की सोच लेते हैं। पुरुषों के मानसिक विकास, उनके सकारात्मक गुणों की सराहना और लैंगिग समानता के उद्देश्य से प्रतिवर्ष दुनियाभर में 19 नवंबर को International Men’s Day मनाया जाता है। पुरुष परिवार, समाज और राष्ट्र का ऐसा स्तम्भ है, जिसके बिना सब कुछ अधूरा है। International Men’s Day के मौके पर लड़कों और पुरुषों को संघ, समाज, समुदाय, राष्ट्र, परिवार, विवाह और बच्चों की देखभाल में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया जाता है। इसबार International Men’s Day की थीम भी ‘जीरो मेल सुसाइड’ यानी दुनियाभर में पुरुषों के सुसाइड रेट को कम करना और उन्हें अपनी जिंदगी खत्म करने से रोकना है। आइए जानते हैं अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस के पीछे की रौचक कहानी और क्यों शुरू किया गया इस मनाना।
1923 में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाने की उठी मांग
दुनियाभर के करीब 60 से अधिक देश अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाते हैं। प्रतिवर्ष 19 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया जाता है। पुरुष दिवस के मौके पर कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन भी होता है।
अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाने की मांग पहली बार साल 1923 में हुई थी। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की तर्ज पर 23 फरवरी को पुरुष दिवस मनाने की मांग उठाई गई। अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और माल्टा के संगठनों को पुरुष दिवस मनाने के लिए आमंत्रित किया गया। ओस्टर ने दो साल तक इन कार्यक्रमों की मेजबानी की। हालांकि 1995 तक बहुत कम संगठन इन आयोजनों का हिस्सा बने। परिणामस्वरूप कार्यक्रम का आयोजन बंद कर दिया गया।
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पहली बार कब मनाया International Men’s Day
वर्ष 1999 में त्रिनिदाद और टोबैगो में वेस्ट इंडीज विश्वविद्यालय के इतिहास के प्रोफेसर डॉ. जेरोम तिलक सिंह ने अपने पिता के जन्मदिन को 19 नवंबर के दिन मनाया। उन्होंने पुरुषों के मुद्दों को उठाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया। इसके बाद से 19 नवंबर 2007 में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया गया।
International Men’s Day 2023 की क्या है थीम
प्रतिवर्ष पुरुष दिवस की एक थीम निर्धारित होती है, जिसके आधार पर इस दिन को मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस 2023 की थीम ‘जीरो मेल सुसाइड’ यानी दुनियाभर में पुरुषों के सुसाइड रेट को कम करना और उन्हें अपनी जिंदगी खत्म करने से रोकना।
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