SMC Training Haryana : प्रदेश के सभी जिलों में विद्यालय प्रबंध समिति के लिए प्रशिक्षण सह सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। इसको लेकर हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद ने शेड्यूल जारी कर दिया है। जिलास्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत 10 जुलाई को पंचकूला व अंबाला से की जाएगी। सोनीपत के साथ ही पानीपत में प्रशिक्षण कार्यक्रम 27 जुलाई को आयोजित किया जाएगा। जिसका उद्देश्य सभी जिलों में स्कूल प्रबंधन समिति (SMC) को मजबूत करना है।
SMC प्रशिक्षण सह सम्मेलन (SMC Training Haryana )
हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों सहित एसएमसी सचिव सह विद्यालय प्रधान को राजकीय स्कूलों में शिक्षा के स्तर सुधारने के साथ ही विद्यार्थियों को बेहतर सुविधाएं मुहैया करवाने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए एसएमसी व स्कूल प्रबंधन को मिलकर काम करना होगा। अधिकारियों का कहना है कि एसएमसी स्कूलों के समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। सहयोगात्मक भावना को बढ़ावा देने और स्कूलों को परिवर्तन की इकाइयों के रूप में विकसित करने के लिए विभाग सभी जिलों में एसएमसी प्रशिक्षण सह सम्मेलन (SMC Training Haryana) आयोजित करेगा।
कब कहां होंगे कार्यक्रम जिला और तारीख (SMC Training Haryana)
10 जुलाई पंचकूला, अंबाला
11 जुलाई कुरुक्षेत्र, यमुनानगर
13 जुलाई फरीदाबाद, पलवल
17 जुलाई गुरुग्राम, नूंह
20 जुलाई कैथल,करनाल
24 जुलाई महेंद्रगढ़, रेवाड़ी
25 जुलाई भिवानी, चरखी दादरी
27 जुलाई सोनीपत, पानीपत
31 जुलाई रोहतक, झज्जर
02 अगस्त फतेहाबाद, सिरसा
03 अगस्त जींद, हिसार
प्रशिक्षण का उद्देश्य (SMC Training Haryana)
-एसएमसी सदस्यों और जिला एवं राज्य अधिकारियों के बीच सीधी बातचीत की सुविधा प्रदान करना।
-एसएमसी के बीच सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने को बढ़ावा देना।
विभिन्न जिलों में एसएमसी के बीच सहयोग बढ़ाना।
-प्रमुख एसएमसी सदस्यों के बीच स्पष्टता और प्रेरणा बढ़ाना।
-नई शिक्षा नीति-2020 का सफल कार्यान्वयन करना।
-सामूहिक सीखने व नवीन जानकारियों को साझा करना।
एसएमसी सदस्यों को इन विषयों पर दिया जाएगा प्रशिक्षण
वार्षिक व सामाजिक लेखा परीक्षा : पारदर्शिता व जवाबदेही बनाए रखने के लिए वार्षिक वित्तीय ऑडिट व सामाजिक ऑडिट करने की प्रक्रिया।
विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए प्रावधान : समावेशी शैक्षिक वातावरण को बढ़ावा देने के लिए विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए पर्याप्त सुविधाएं व सहायता सुनिश्चित करना।
शैक्षणिक गतिविधियों की समीक्षा : विद्यार्थियों का बौद्धिक स्तर बेहतर बनाने के लिए शैक्षणिक गतिविधियों की नियमित समीक्षा और मूल्यांकन के लिए सर्वोत्तम अभ्यास।
बुनियादी ढांचा विकास व सिविल कार्य : अनुकूल शैक्षिक पर्यावरण प्रदान करने के लिए स्कूल के बुनियादी ढांचे की योजना, विकास व रखरखाव में एसएमसी की भूमिका।
विद्यालय विकास योजनाएं तैयार करना : दीर्घकालिक शैक्षिक लक्ष्य निर्धारित करने व प्राप्त करने के लिए व्यापक स्कूल विकास योजनाएं विकसित करना।
-नई शिक्षा नीति का समर्थन : शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के निर्देशों को समझना और लागू करवाना।
जिला शिक्षा अधिकारी सोनीपत नवीन गुलिया ने बताया कि विद्यालय प्रबंध समिति के प्रशिक्षण के लिए जिलास्तर पर सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। यह प्रशिक्षण सह सम्मेलन कार्यक्रम एसएमसी सदस्यों की क्षमता बढ़ाएगा। जिससे एसएमसी अपने विद्यालयों के शैक्षिक विकास में बेहतर तरीके से सहयोग देना सुनिश्चित कर सकें। जिले में यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 27 जुलाई को आयोजित किया जाएगा।