Chandipura Virus : देश की बड़ी खबरो में चांदीपुरा वायरस खतरनाक होता जा रहा है। हेल्थ एक्सपर्ट ने इससे बचने की सलाह दी है। आपको बता दें कि मानसून बरसात के साथ ही देशभर में Chandipura Virus के केस तेजी से बढ़ रहे हैं।
जानकारी के अनुसार देश में सबसे अधिक मामले गुजरात से आ रहे हैं। इस वायरस से कई रोगियों की मृत्यु हो चुकी है। गुजरात में यह रोग खतरनाक रूप से सामने आ रही है। पिछले तीन सप्ताहे में गुजरात में रोगियों की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिली है।
आपको बता दें कि अब तक इस वायरस से करीबन 44 रोगियों की मृत्यु हो चुकी है। वहीं, इसके 124 नये मामले दर्ज किए गए हैं। इसके साथ ही विभिन्न अस्पतालों में कई व्यक्तियों का उपचार चल रहा है।
What is chandipura virus (जानिए क्या है चांदीपुरा वायरस)
चांदीपुरा वेसिकुलोवायरस (CHPV) के नाम से जाना जाने वाला chandipura virus एक RNA वायरस है जो रैबडोविरिडे फैमिली से संबंधित है। इस वायरस का पहला मामला 1965 में महाराष्ट्र के chandipura गांव में पाया गया था, इसलिए इसे ‘चांदीपुरा वायरस’ कहा जाता है। यह वायरस मुख्य रूप से 9 महीने से 14 साल की उम्र के बच्चों को प्रभावित करता है।
Symptoms of chandipura virus (चांदीपुरा वायरस में सबसे पहले ये दिकते हैं लक्षण)
अचानक तेज बुखार आना जिसके कारण शरीर तपने लग सकता है। ये बुखार कई बार सामान्य लग सकता है लेकिन ये चांदीपुरा वायरस का संकेत हो सकता है। वायरस के संक्रमण होने के बाद बच्चों या जो संक्रमित हुआ है उसे तेज सिरदर्द का अनुभव हो सकता है। बार-बार उल्टी आना भी इसका संकेत हो सकता है।
कैसे फैलता है Chandipura virus
एक्सपर्ट डाक्टर बताते हैं कि चांदीपुरा वायरस मुख्य रूप से संक्रमित सैंडफ्लाई के काटने से फैलता है, विशेष रूप से फ्लेबोटोमस प्रजाति से। हालाकि संक्रमण का प्रमाणिक कारण पूरी तरह से सामने नहीं आए है। वायरस के संक्रमण का मुख्य तरीका सैंडफ्लाई और मच्छर के काटने से होता है। इसका आउटब्रेक कुछ खास पर्यावरणीय परिस्थितियों से जुड़े हुए हैं जो सैंडफ्लाई के प्रजनन के लिए अनुकूल हैं।
चांदीपुरा वायरस का उपचार (Chandipura Virus Treatments)
Chandipura Virus Treatments के बारे में डॉक्टर्स का कहना है कि इस समय इस वायरस के लिए विशेष रूप से एंटीरेट्रोवाइरल दवा या वैक्सीनेशन मौजूद नहीं है। ऐसे में इसके इलाज के तौर पर मरीजों को सिर्फ लक्षणों से राहत देने और जटिलताओं को रोकने के लिए सहायक देखभाल दी जा सकती है। इसके अलावा, एन्सेफलाइटिस से पीड़ित व्यक्तियों को तुरंत अस्पताल में भर्ती करवाए जहां मरीज की अच्छे से देखभाल हो।
Read Also : Paris Olympics Opening Ceremony : लेडी गागा की परफॉर्मेंस एक्स पर वायरल, जीजी का गाया ये सॉन्ग
चांदीपुरा वायरस से बचाव के उपाए (Chandipura Virus Preventions Tips)
चांदीपुरा वायरस से बचने के लिए कुछ (Chandipura Virus Preventions Tips) के कुछ तरीके अपनाए जाएं। इससे बचने के लिए खुली त्वचा पर कीट निरोधक का उपयोग करें या मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए घर के आसपास पानी न जमा होने दें। इसके अलावा मच्छरों को काटने से रोकने के लिए सुरक्षात्मक कपड़े पहनना भी एक कारगर उपाय है।
अगर आपको Sachpost news पर दी जाने वाली जानकारी अच्छी लगी तो अपने दोस्तों को भी शेयर करें। अपनी बहुमूल्य प्रतिक्रिया कॉमेंट बॉक्स में जरूर दें। हमसे जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें।