Sachpost News, International Biodiversity day: हमें समझना चाहिए कि, हम सभी की दुनिया एक है, किसी भी एक जीव का अपना कोई एक अस्तित्व नहीं है। सब मिल-जुलकर अपने भोगों को भोग रहे हैं, सभी का एक भविष्य है। यदि जीवन में आप एक पेड़ भी लगाते हैं तो यह कर्तव्य पालन की ओर बढ़ाया गया सार्थक कदम है । यदि आप किसी चिड़िया को दाना खिला रहे हैं, पानी पिला रहे हैं तो आप जैव विविधता को बचा रहे हैं। यह बात जिला समन्वयक सोनीपत श्यो प्रसाद ने International Biodiversity day के अवसर पर गांव घड़वाल BMC में ग्रामीणों को सम्बोधित करते हुए कही।
कार्यक्रम की अध्यक्षता निवर्तमान सरपंच सुनीता देवी ने की। सरपंच सुनीता देवी और BMc चेयरमैन संदीप ने जिला समन्वयक को एक पौधा भेंट करके अभिवादन किया।उन्होंने कहा कि हमें गुलदस्ते की बजाए कार्यक्रम में जीवित पौधे मुख्य अतिथि को अभिवादन में देने चाहिए ताकि उस पौधे को किसी परिसर में लगाया जा सके और जीव विविधता में अपना योगदान दे सके। गुलदस्ते तो कुछ समय बाद मुरझा जाता है लेकिन एक जीवित पौधा लगने के बाद वह जीवन भर मुरझाए चेहरों में खुशियां भरने का काम करेगा। उन्होंने कहा कि इस तरह की परंपराएं देशभर में शुरू होनी चाहिए। इस अवसर पर जिला समन्वयक श्यो प्रसाद ने International Biodiversity day की जानकारी गांव के लोगों के साथ साझा की।
जैव-विविधता दिवस first time 1993 मनाया गया
उन्होंने बताया कि पूरी दुनिया में प्रत्येक वर्ष 22 मई को International Biodiversity day मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 90 के दशक में तब की गई थी, जब संयुक्त राष्ट्र संघ के तत्वाधान में 1992 में ब्राजील के रियो डी जनेरियो में “पृथ्वी सम्मेलन” आयोजित किया गया। उस सम्मेलन में पर्यावरण संरक्षण पर विशेष जोर दिया गया था। जैव-विविधता दिवस first time 29 दिसंबर 1993 को सेलिब्रेट किया गया।
संयुक्त राष्ट्र द्वारा International Biodiversity day की शुरुआत की गई। जैव-विविधता दिवस 2000 तक 29 दिसंबर को ही सेलिब्रेट किया जाता रहा मगर वर्ष 2001 से 22 मई को सेलिब्रेट किया जाने लगा। इस साल के International Biodiversity day की थीम है- Building a shared future for all life अर्थात् सभी जीवों के साझे भविष्य का निर्माण करें।
जैव विविधता बहुत जरूरी : श्यो प्रसाद
जिला समन्वयक अधिकार श्यो प्रसाद ने बताया कि जैव विविधता का मतलब कि हमारे आस-पास का वातावरण और उसमें रहने वाले सभी जीव-जंतु,पेड़-पौधे, वनस्पति, कीड़े-मकोड़े, लता-बेल यानी वह सभी सजीव वस्तुएं जो हमारे आस-पास हैं और उनमें मानव एक केंद्र के रूप में स्थापित है। पृथ्वी पर करोड़ों सालों से महासागरों की गहराई से लेकर पर्वतों के शिखरों, मरुस्थल, मैदानों, नदियों के आंचचल में जीवन फल-फूल रहा है। पृथ्वी पर लाखों प्रकार के जीव-जंतु, वनस्पति, जीवाणु आदि पाए जाते हैं। इन सभी जीवों की विविधता ही जैव विविधता कहलाती है।
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