Pink Caterpillar : प्रदेश के कई जिलों में गुलाबी सुंडी से फसल नष्ट होने के मामले आ रहे हैं जिसने किसानों की नींद उड़ा दी है। वहीं कपास अनुसंधान केंद्र की टीम हरियाणा, पंजाब, राजस्थान में कपास की फसल का जायजा ले रही है। गुलाबी सुंडी से फसलों को कितना नुकसान पहुंच रहा है। तो आइए जानते हैं गुलाबी सुंडी (Pink Caterpillar) को लेकर किसानों में क्या बन रही है धारण और विज्ञानिक क्या बना रहे प्लान…।
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Sachpost News, Haryana : किसान गुलाबी सुंडी से काफी परेशान हैं वहीं केंद्रीय कपास अनुसंधान की ने कहा कि गुलाबी सुंडी (Pink Caterpillar) की रोकथाम के लिए प्लान तैयार कर रहे हैं। गुलाबी सुंडी से किसान इतने परेशान है कि फसल को ही नष्ट कर रहे हैं। हालफिलहाल के मामले की बात करें तो सिरसा के गांव ढूकड़ा में गुलाबी सुंडी के चलते किसान ने अपनी डेढ़ एकड़ नरमा की फसल पर ट्रैक्टर चला दिया। किसान द्वारा ट्रैक्टर चलाकर फसल नष्ट करने की सोशल मीडिया पर वीडियो भी वायरल हो रही है।
सात हजार रुपये किए थे बिजाई पर खर्च
किसान दलबीर सिंह ने बिजाई से लेकर अभी तक नरमा की फसल पर 7 हजार रुपये खर्च हो चुके थे। लेकिन गुलाबी सुंडी आने से फसल खराब हो रही थी। अगर नष्ट नहीं करते तो बार महंगे रेटों की स्प्रे करने पड़ते और हाथ कुछ नहीं आता। इसलि ट्रैक्टर चलाकर नष्ट कर दिया ताकि दूसरी फसल बाजरा या ग्वार की बिजाई की जा सके।
गुलाबी सुंडी (Pink Caterpillar) से नष्ट हुई फसल का मिलना चाहिए मुआवजा
किसान सीता राम ने कहा कि गुलाबी सुंडी (gulabi sundi) से नरमा की फसल अभी खराब हो रही है। इससे उत्पादन कैसे होगा। इसी को लेकर किसान दलबीर सिंह ने अपनी नरमा की फसल पर ट्रैक्टर चला दिया। उन्होंने कहा कि किसानों को आर्थिक तौर पर काफी नुकसान हो रहा है। इसके लिए किसानों को मुआवजा मिलना चाहिए।
तीन राज्यों की चार मॉनिटरिंग कमेटी कर रही खेतों में निरीक्षण
सिरसा केंद्रीय कपास अनुसंधान केंद्र की टीम ने चौपटा क्षेत्र में विभिन्न गांवों का सर्वे किया जा रहा है। विभाग की टीम हरियाणा, पंजाब, राजस्थान में कपास की फसल में तीन राज्यों की चार मॉनिटरिंग कमेटी जगह-जगह पर निरीक्षण कर रही है।
कपास की फसल में वैज्ञानिकों द्वारा गुलाबी सुंडी को रोकने के लिए जहां निगरानी रखी जा रही है। इसी के लिए किसानों को सुंडी से फसल बचाने के लिए जागरूक भी किया जा रहा।
सिरसा के चौपटा क्षेत्र में टीम ने किया सर्वे
केंद्रीय कपास अनुसंधान की टीम ने चौपटा क्षेत्र के गांव दड़बा कलां, नेजिया खेड़ा, नाथूसरी चौपटा व अन्य स्थानों पर दौरा किया। टीम को निरीक्षण के दौरान सफेद मक्खी व बहुत ही कम संख्या में गुलाबी सुंडी मिली। जिससे अभी कोई नुकसान नहीं है।
गुलाबी सुंडी को लेकर किसानों को भी जागरूक किया गया। किसानों को कहा गया कि समय समय पर फसल का निरीक्षण किया जाए। अगर गुलाबी सुंडी की तादाद बढ़ती है। इसके लिए कृषि विभाग को अवगत करवाया जाए।
एसके वर्मा, निदेशक, केंद्रीय कपास अनुसंधान केंद्र, सिरसा ने कहा कि गुलाबी सुंडी को रोकने के लिए प्लान तैयार किया हुआ है। केंद्र द्वारा गठित टीम कई स्थानों पर निरीक्षण कर रही है। गुलाबी सुंडी अभी बहुत ही कम संख्या में मिली है। जो ट्रेप में आई है। कपास की फसल को अभी कोई नुकसान नहीं है। विभाग की टीम ने गुलाबी सुंडी को रोकने के लिए पुरा प्लान तैयार किया हुआ है।