Haryana Breaking News : हरियाणा में ग्रुप-डी और सी के तहत हजारों युवाओं को सीईटी के आधार पर सरकारी नौकरियों में भर्ती किया था लेकिन ये मामला कोर्ट में चला गया और भर्ती पर रोक लगा दी। अब सीएम नायब सैनी ने बड़ा ऐलान कर दिया है कि हरियाणा में युवाओं की नौकरी बरकरार रहेगी। जानिए ऐसा सीएम सैनी ने किस आधार पर कहा और क्या है उनकी प्लानिंग जानिए पूरी खबर विस्तार से…।
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Sachpost News Haryana : सरकारी नौकरियों में गरीब परिवारों के बच्चों को दिए जाने वाले सामाजिक-आर्थिक मानदंड के अंकों पर मुख्यमंत्री नायब सिंह ने कहा कि इन मानदंडों का आधार सरकारी नौकरी के माध्यम से अंत्योदय उत्थान है। गरीब बच्चों के हकों के लिए हम हर संभव क़ानूनी कदम उठाएंगे और जरुरत पड़ी तो विधानसभा में विधेयक भी लाएंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि ग्रुप-सी व ग्रुप-डी के पदों पर जिन अभ्यर्थियों की नियुक्ति हो चुकी है, उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है, सरकार उनके साथ मजबूती से खड़ी है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से सीईटी परीक्षा पर कोई सवालिया निशान नहीं लगा है। निति अनुसार सीईटी रिजल्ट तीन वर्षों के लिए मान्य है। मुख्यमंत्री नायब सिहं सैनी ने यह जानकारी प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कही।
2018 में बनाई थी अतिरिक्त अंक देने की नीति
नायब सिंह ने कहा कि हमारी सरकार द्वारा गरीब विधवाओं, अनाथों, अनेक दशकों से सरकारी नौकरियों से वंचित परिवारों के सदस्यों, विमुक्त जातियों के युवाओं तथा कच्चे कर्मचारियों को सरकारी नौकरियों के लिए ली जाने वाली परीक्षाओं में कुछ अतिरिक्त अंक देने की नीति फरवरी 2018 में बनाई गई थी। इस नीति के कारण तब से अब तक हजारों गरीब युवाओं तथा कच्चे कर्मचारियों को पक्की सरकारी नौकरी मिली है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में उच्च न्यायालय की डबल बेंच ने हरियाणा सरकार के सामाजिक-आर्थिक आधार पर 5 अंक के प्रावधान की स्वयं ही सराहना भी की थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता इस संबंध में ओछी राजनीति करते हैं और उलटी बयानबाजी करके झूठ और भ्रम फैला कर युवाओं को गुमराह कर रहे हैं। जबकि हमारी सरकार ने पिछले साढ़े 9 सालों में 1 लाख 32 हजार युवाओं को नौकरियां दी हैं।
4 लाख 20 हजार अभ्यर्थियों ने क्वालीफाई किया था सीईटी
सीएम सैनी ने कहा कि कांग्रेस के नेता भ्रम फैलाने की सोच से आरोप लगाने का काम करते हैं, जबकि वास्तविक्ता यह है कि ग्रुप-डी के 13,657 पदों के लिए 13 लाख 50 हजार युवाओं ने पंजीकरण करवाया था। इनमें से 9 लाख 50 हजार अभ्यर्थियों ने सीईटी की परीक्षा दी थी, जिनमें से 4 लाख 20 हजार अभ्यर्थी क्वालीफाई हुए थे। ऐसे 10 हजार से अधिक युवाओं ने ज्वाइन कर लिया है। उन्होंने कहा कि 2657 अभ्यर्थी, ऐसे थे, जिन्हें सामाजिक-आर्थिक मानदंड के अंक मिले थे, उनका रिजल्ट रोक लिया था, उनकी ज्वाइनिंग अभी तक नहीं करवाई गई है। जिन 11 हजार युवाओं ने ज्वाइन किया हुआ है, उन्हें किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं आएगी और उनकी नौकरी बरकरार रहेगी।
ग्रुप-सी के चयनित लगभग 12 हजार उम्मीदवारों के साथ खड़ी है हमारी सरकार
सीएम नायब सैनी ने कह कि सामाजिक-आर्थिक मानदंड के अंकों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा आज दिए गए निर्णय से सीईटी के फर्स्ट स्टेज एग्जाम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। ग्रुप-सी के चयनित लगभग 12 हजार उम्मीदवारों को भर्ती को बचाने के लिए हमारी सरकार पुर्नविचार याचिका के माध्यम से उच्च न्यायालय के सामने वास्तविक स्थिति रखकर उनकी दोबारा परीक्षा देने की जरूरत न पड़े, इसके लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है।
कांग्रेस में युवा सिफारिश ढूंढते थे और भाजपा में युवा लाइब्रेरी ढंढूते हैं
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में देखें कि उनके समय नौकरियों में भाई-भतीजावाद, जातिवाद और क्षेत्रवाद का बोलबाला था। नौकरियों की बोली लगती थी, पैसे और पहुंच वाले लोग नौकरी खरीद लेते थे और गरीब परिवार वंचित रह जाते थे। इसलिए युवाओं में हताशा व निराशा पनपने लगी थी। वे गरीब व्यक्ति का वोट तो ले लेते थे लेकिन उन गरीबों को देने के लिए उनके पास नौकरी नहीं थी। जबकि हमारी सरकार ने पिछले साढ़े 9 सालों में बिना पर्ची-खर्ची के लगभग 1,32,000 युवाओं को नौकरियां दी हैं, जिससे आज युवाओं में आशा और विश्वास का संचार हुआ है। पहले की सरकार में युवा सिफारिश ढूंढते थे और आज युवा पढ़ाई करने के लिए लाइब्रेरी ढंढूते हैं। यही कांग्रेस और हमारी सरकार का अंतर है।