Nagar Kheda Temple Jhajjar : भारत में लोगों की तरह-तरह की आस्था और भावनाएं हैं ऐसी ही एक आस्था है झज्जर के नगर खेड़ा मंदिर को लेकर लोग यहां अपनी मन्नत पूरी होने पर चढ़ावे में को लड्डू या मेवे का भाग नहीं चढ़ाते बल्कि पंखें चढ़ाते हैं। विशेष दिनों में मंदिर में सैकड़ों की संख्या में लोग पंखे चढ़ाते हैं।
पंखे चढ़ाने की मंदिर में चल रही अनोखी परपंरा
बाबा की समाधि के साथ अनोखी परपंरा भी जुड़ी हुई है। प्रतिवर्ष फाग उत्सव पर दुल्हेंडी के दिन यहां पर पंखे चढ़ाए जाते है। लोग अपनी मनोकामना पूर्ण होने पर बाबा की समाधि पर पंखे चढ़ाते हैं। पहले बाबा की समाधि पर प्राचीन पारपंरिक पंखे चढ़ाए जाते थे। परन्तु अब यहां पर भी आधुनिकता का असर देखने को मिल रहा है। लोग बाबा की समाधि पर पारपंरिक पंखों के स्थान पर बिजली के पंखे भी चढ़ाने लगे है। दुल्हेंडी के दिन नगरवासी दिनभर होली खेलते है और शाम को बाबा के मेले में शामिल होकर बाबा के प्रति अपनी आस्था प्रकट करते है। सोमवार को भी 300 से ज्यादा पंखे चढ़ाए गए। अब हाथ के पंखों के साथ बिजली के पंखों का भी प्रचलन काफी बढ़ गया है।
चार सौ वर्ष पुराना बताया जा रहा मंदिर
सोमवार से शुरू हुआ धार्मिक आयोजन हाजिरी के लिहाज से शहर का सबसे बड़ा कार्यक्रम है। जिसमें देश भर के विभिन्न हिस्सों से हजारों की संख्या में संत समाज यहां पहुंचते हुए तीन दिवसीय कार्यक्रम का हिस्सा बनते हैं। एडवोकेट पंकज शर्मा व मनोज संटी तलवार ने कहा कि यहां पर आकर सच्चे मन से मांगी जाने वाली मन्नतें पूरी होती है। चली आ रही रवायतों का असर आज तक बरकरार है और दूर-दराज के क्षेत्र से पहुंचे हजारों लोगों की भीड़ मेले का रुप लेने लगी है। सिद्ध शक्ति पीठ बाबा प्रसाद गिरी महाराज का मंदिर लगभग चार सौ वर्ष पुराना है। दिल्ली, कोलकाता, मुम्बई, नागपुर, गुजरात, राजस्थान सहित पूरे भारत वर्ष से श्रद्धालु बाबा की समाधि पर अपना शीश नवाते हैं। मंदिर से जुड़े महंत एवं बाबा सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं। जिससे सद्भावना और समृद्धि की बयार बह रही है।
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