Commutation Scheme : कम्युटेशन की कटौती पर लगाई कोर्ट से स्टे मिलने के बाद यह एक बार फिर से कर्मचारियों में चर्चा का विषय बन गया है। तो आईए जानते हैं क्या है Commutation Scheme और पेंशनधारकों को कैसे मिल रही इससे राहत…।
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Chandigarh News Hindi : पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा 10 साल पुरी होने पर कम्युटेशन रिकवरी रोकने के आदेश के बाद अब हरियाणा सरकार ने कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश का पालन करते हुए, संबंधित वित्त विभाग को निर्देश दिया है कि वे 10 वर्ष या उससे अधिक की सेवानिवृत्ति पूर्ण करने वाले याचिकाकर्ताओं से पेंशन के कम्यूटेशन मूल्य की वसूली को रोक दे, जब तक इसके ऊपर कोई अंतिम फैसला नही आ जाता। अंतत: हरियाणा सरकार ने पेन्शन से कम्यूटेशन वसूली पे रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया है
जारी आदेश में दी याचिकाकर्ताओं की विस्तृत जानकारी (Commutation Scheme)
हरियाणा सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव द्वारा जारी इस आदेश में उन सभी याचिकाकर्ताओं की केस संख्या, सीडब्ल्यूपी (CWP) का उल्लेख किया गया है जिनके वसूली पर रोक लगाई गई है। प्रत्येक मामले की विस्तृत जानकारी और आदेश की तारीख भी प्रदान की गई है ताकि संबंधित अधिकारी आवश्यक कार्रवाई कर सकें।
जानिए क्या है कम्युटेशन स्कीम
किसी भी सरकारी कर्मचारी के रिटायरमेंट पर उसे कम्युटेशन करवाने का विकल्प दिया जाता है, बता दें कर्मचारी के रिटायरमेंट पर उन्हे पेंशन और ग्रेड्यूटी के अलावा कम्युटेशन के तौर पर एक लमसम अमाउंट दी जाती है। इसमें सिबिल/ सरकारी कर्मचारी को पेंशन का 40 फीसद और डिफेंस फोर्सेज को उनकी पेंशन का 50 फीसद कम्युटेशन दिया जाता है, हालांकि कम्युटेशन के लिए कई कर्मचारियों को इसके लाभ और हानि के बारे में अधिक जानकारी नही होती है, जिसके चलते वह बिना जाने ही कम्युटेशन करवा लेते हैं।
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15 साल तक होती है कम्युटेशन की रिकवरी
रिटायरमेंट आ रहे किसी भी कर्मचारी द्वारा एक बार कम्युटेशन करवाने के बाद वह इसे रुकवा नहीं सकते। सरल भाषा में कहे तो कर्मचारी अपनी सात सालों की पेंशन का 40 फीसदी हिस्सा सरकार से एडवांस में ले लेता है, जिसपर वह अपनी पेंशन का 40 फीसद कम्यूट करवा सकता है इसके बाद सरकार उसकी पेंशन से हर महीने कटौती करके एडवांस में दी गई पेंशन की रिकवरी करती है।
यह कटौती 15 साल तक चलती है, 15 साल पूरे होने के बाद आपको पूरी पेंशन मिलनी शुरू हो जाती है, इस रिकवरी को बीच में नहीं रोका का सकता है और ना ही इसमें निर्धारित अवधि से पहले बीच में पैसे भरकर रिकवरी की जा सकती है।
शील देवी ने डाली थी सबसे पहले कम्युटेशन पर कोर्ट में याचिका
शील देवी (केस संख्या CWP-9426-2023) की तरफ से सबसे पहले इसके खिलाफ याचिका दर्ज की गई थी, इस केस की जानकारी पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की वेबसाइट पर देखा जा सकता है। जिसके बाद से इस मुद्दे पर दर्ज अन्य पेंशनभोगियो की याचिकाओं के बाद सबकी रिकवरी पर उन्हे स्टे मिला है।
हालांकि अभी पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने इसके ऊपर स्टे दिया है और अभी तक कोई नतीजा नहीं आया है जिसके बाद इसकी अगली सुनवाई 21 अगस्त, 2024 को की जाएगी। ऐसे में कोर्ट की तरफ से जब तक कोई नतीजा नहीं आता है तब तक स्टे जारी रहेगा और पेंशनर्स की रिकवरी बंद रहेगी।