Weather alert IN Haryana : हरियाणा में मौसम के अंदर वीरवार सुबह से ही बदलाव देखने को मिल रहा है। कृषि मौसम विज्ञान विभाग, चौधरी चरणसिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार ने अल्पअवधि मौसम पूर्वानुमान जारी किया है। बुधवार देर रात और वीरवार अलसुबह हुई बूंदाबादी से लोगों को थोड़ी राहत मिली है साथ ही बारिश की भी उम्मीद जगी है। तो आइए जानते हैं Weather alert in Haryana कहां कैसा रहेगा मौसम का हाल।
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विभाग द्वारा अगले तीन घंटों में अंबाला, पंचकुला, यमुनानगर, करनाल, कुरुक्षेत्र , कैथल, जींद, फतेहाबाद, हिसार जिलों में तेज हवायों व गरजचमक के साथ कहीं कहीं हल्की बरसात की संभावना जताई है।
Weather alert IN Haryana : मानसून की बरसात का अभी करना होगा इंतजार
मानसून की बरसात को लेकर सभी इंतजार कर रहे हैं। मानसून की बरसात का इंतजार जल्द ही खत्म होने वाला है देश भर के कई हिस्सों में भंयकर गर्मी ने लोगों की दिनचर्या बदल दी है। वहीं गर्मी से लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। पूर्वी प्रशांत महासागर में अलनीनो के कमजोर होने से ला-नीना के धीरे-धीरे सक्रिय होने से इस बार भीषण गर्मी पड़ रही है। गर्मी से झुलस रहे उत्तर भारत के लिए राहत भरी खबर है। बारिश होने से गर्मी से राहत मिलेगी।
जानिए अभी कहा पर पहुंचा है मानसून
आपको बता दें कि जुलाई के पहले हफ्ते से सितंबर के अंतिम तक मानसून के मजबूत रहने का अनुमान है। इसका मतलब यह भी है कि 31 मई को मानसून के केरल में दस्तक देने के बाद से अभी तक लगभग तीन हफ्ते में बारिश की जो कमी हुई है, आगे उसकी भरपाई हो सकती है।
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार इस मानसून सीजन में अभी तक देश में 20 प्रतिशत कम बारिश हो पाई है। औसतन अभी तक 80.6 मिली मीटर वर्षा होनी चाहिए थी, लेकिन सिर्फ 64.5 मिली मीटर ही हो पाई है।उत्तर प्रदेश में 88 फीसद तक कम वर्षा हुई
बिहार में 72 फीसद और उत्तर प्रदेश में 88 फीसद तक कम वर्षा हुई है। यहां तक दक्षिण के राज्यों में भी औसत से कम ही बारिश हुई है। सिर्फ मेघालय, असम और सिक्किम में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है।
आइएमडी ने इस बार सामान्य से ज्यादा बरसात का अनुमान जारी किया है। स्पष्ट है कि कम बारिश की भरपाई तभी होगी जब बाकी समय में औसत से ज्यादा बारिश होगी। आइएमडी के मुताबिक ला-नीना के कारण मानसून के अंतिम चरण अगस्त और सितंबर में सामान्य से ज्यादा बारिश हो सकती है।
जानिए दिल्ली में कब दस्तक देगा मानसून
अभी पाकिस्तान और अरब सागर में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के चलते उत्तर-पश्चिम क्षेत्र के तापमान में गिरावट आएगी। किंतु यह स्थिति 22 जून तक ही रहेगी। इसके बाद तापमान फिर से हल्का ऊपर जाएगा और जून के अंतिम हफ्ते में 27 से 28 जून के बीच जब दिल्ली में मानसून दस्तक देगा तभी लोगों को पूरी तरह राहत मिल सकेगी। इस बीच, पूर्व से मानसून ने आगे बढ़ना शुरू कर दिया है।
समय पर बारिश नहीं होने का ये रहा मुख्य कारण
मौसम विज्ञानियों का कहना है कि जिन राज्यों में तय तिथि तक मानसून नहीं पहुंच पाता है, वहां प्री-मानसून बारिश होती रही है, जिससे तापमान नियंत्रण में रहता है। लेकिन इस बार प्री-मानसून की गतिविधियां भी नहीं के बराबर देखी गईं। इसके लिए पश्चिम से चलने वाली शुष्क हवा जिम्मेवार है।
उत्तर भारत में प्री-मानसून की बरसात मई के अंतिम हफ्ते में होती है, लेकिन इस दौरान पश्चिमी हवाएं चल रही थी, जिसमें नमी नहीं थी। अगर इन्हें रोकने के लिए पूर्व की ओर से नमी वाली हवा आती तो संघनित होकर वर्षा हो सकती थी, लेकिन बंगाल की खाड़ी से आने वाली चक्रवाती हवा रेमल के चलते ऐसा नहीं हो पाया। इसके चलते पश्चिमी शुष्क हवाओं ने उत्तर भारत को गर्मी से तड़पाया।
ओडिशा के कई इलाकों में बरसात होनी शुरू हो जाएगी
एक साइक्लोन बांग्लादेश और एक असम के ऊपर बना हुआ है। एक ट्रफ लाइन पूर्वी उत्तर प्रदेश से गुजर रही है, जो बिहार और मध्य प्रदेश से होते हुए विदर्भ तक जा रही है। इसके चलते जमीन से लगभग 3.1 किमी से लेकर 5.1 किमी की ऊंचाई पर एक चक्रवाती संचरण बन गया है। हवा ऊपर उठकर और संघनित होकर घने बादलों में बदल रही है। इसके असर से मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र में भारी वर्षा हो सकती है। एक-दो दिनों में बिहार-झारखंड एवं ओडिशा के कई इलाकों में बरसात होनी शुरू हो जाएगी।