Haryana Judiciary Exam : हरियाणा ज्यूडिशियरी (एचसीएस) की ओर से जारी परीक्षा परिणाम में हिसार के सात युवक-युवतियों ने जज बनकर जिले का नाम रोशन किया हैं। परीक्षा परिणाम 19 अक्टूबर को जारी किया गया था। सात सदस्यों में तीन हिसार बार एसोसिएशन के सदस्य हैं। इनमें से दो युवक पहले से ही हरियाणा सरकार में एडीए के पद पर कार्य कर रहे हैं। सिविल सेवाओं में से जज हमारे देश में प्रतिष्ठित सिविल सेवाओं में से एक है। एलएलबी करने वाले हर स्टूडेंट का सपना होता है कि वह जज बने। हाल ही में जारी Haryana Judiciary परीक्षा परिणाम में हिसार जिले के रहने वाले सात युवा जज बने हैं। जानिए कैसे की सभी ने जज बने की तैयारी। जानिए उन्ही की जुबानी।
Haryana Judiciary (HCS) की जारी परीक्षा परिणाम में हिसार जिले गांव सातरोड़ के रहने वाले राजमिस्त्री के बेटे अमित जांगड़ा सहित हिसार के सात युवक-युवतियों का चयन जज के पद पर हुआ है। चयनित तीन युवकों के परिचित हिसार बार में एडवोकेट हैं वहीं, प्राइवेट नौकरी करने वाले एक व्यक्ति की बेटी जिज्ञासा शर्मा का भी चयन हुआ है। दो युवक पहले से ही हरियाणा सरकार में एडीए के पद पर कार्यरत हैं। सभी ने कैसे Haryana Judiciary Exam की तैयारी और कैसी है सभी की पारिवारिक पृष्ठ भूमि और क्यों बना चाहते हैं जज सभी विषयों पर होगी उनके साथ विस्तार से चर्चा।
पंचायत विभाग में एडीए हैं अमित जांगड़ा
सातरोड खुर्द निवासी एडवोकेट अमित जांगड़ा ने जानकारी देते हुए बताया कि उसके पिता कृष्ण कुमार जांगड़ा राजमिस्त्री का काम करते हैं। मां शीला देवी एक गृहिणी हैं। उन्होंने वर्ष 2012-17 सत्र में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय से एलएलबी की व फिर 2019 में एलएलएम की डिग्री की थी। इसी दौरान रोहतक में ही ज्यूडिशियरी की तैयारी भी की। इसके बाद जून, 2019 में एडीए के पद पर उनका चयन हुआ। पिछली बार Haryana Judiciary में साक्षात्कार दिया था पर उनका चयन नहीं हो सका और इस बार मेहनत रंग लाई और हरियाणा में जज बने का सपना पूरा हो गया।
पहली बार में ही सफलता मिलने पर हार्दिक को बधाई देने वालों का लगा तांता
कैमरी रोड स्थित पीएलए निवासी एडवोकेट हार्दिक सचदेवा ने जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने 2015-20 सत्र में बंगलूरू के क्रिस्ट डीम्ड यूनिवर्सिटी से एलएलबी की। इसके बाद Judiciary Exam की कोचिंग भी ली और फिर Haryana Judiciary Exam की परीक्षा दी और पहली ही बार में चयन हो गया। हार्दिक के पिता आरके सचदेवा हिसार बार में वरिष्ठ अधिवक्ता हैं। वहीं इनकी मां सुमन सचदेवा आयकर विभाग से इंस्पेक्टर के पद से सेवानिवृत्त हैं। बड़ी बहन गीतिका एमबीए कर रही हैं। पहली बार में ही सफलता मिलने पर हार्दिक को बधाई देने वालों का तांता लगा रहा।
सेल्फ स्टडी से जज बने कर्णदीप कुंडू
सेक्टर 9-11 निवासी एडवोकेट कर्णदीप कुंडू ने देहरादून यूनिवर्सिटी आफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडी से 2010-15 सत्र से एलएलबी की थी। फिर वर्ष 2018 में कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से एलएलएम की डिग्री की। इस दौरान सेल्फ स्टडी भी की व दिल्ली ज्यूडिशियरी व Haryana Judiciary Exam की परीक्षा दी। Haryana Judiciary Exam में उनका यह दूसरा प्रयास था। जून 2019 में एडीए के पद पर उनका चयन हुआ था। कर्णदीप के पिता बृजेंद्र कुंडू पंचायती राज विभाग में लीगल ऑफिसर थे। मां शांति देवी कुंडू राजकीय महाविद्यालय से एसोसिएट के पद से सेवानिवृत्त है। वहीं, भाई गगनदीप कुंडू हिसार बार के एक वरिष्ठ अधिवक्ता हैं। वे मूलरूप से कंडूल गांव के निवासी हैं।
लक्ष्य ने पहले ही प्रयास में साधा जज बने का लक्ष्य
अग्रसेन कॉलोनी निवासी लक्ष्य गर्ग ने बताया कि उनके पिता एडवोकेट संदीप गर्ग हिसार बार के सदस्य है। उन्होंने 2016-19 सत्र में हिसार के छाजूराम लॉ कॉलेज से एलएलबी की डिग्री की थी। इसके बाद लक्ष्य निर्धारित करके दिल्ली में कोचिंग भी ली। उन्होंने पहली बार Haryana Judiciary Exam की परीक्षा दी और उनका चयन हो गया। लक्ष्य गर्ग के दादा प्रोफेसर स्वर्गीय जितेंद्र कुमार गर्ग हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त थे और उनकी दादी ललिता देवी व मां अनीता गर्ग गृहिणी हैं।
जिज्ञासा ने पहली बार में ही पास किया Haryana Judiciary Exam
हिसार के मनफुल नगर निवासी जिज्ञासा शर्मा ने बताया कि उन्होंने पटियाला की राजीव गांधी नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ से वर्ष 2019 में एलएलबी की डिग्री की थी। इसके बाद उन्होंने दिल्ली में ज्यूडिशियरी की कोचिंग ली। इसके बाद पहली बार Haryana Judiciary Exam दिया और उनका चयन हो गया। जिज्ञासा के पिता संजय शर्मा जिंदल स्टेनलेस में एसोसिएट मैनेजर हैं। जिज्ञासा की मां कांता देवी एक गृहिणी हैं। जिज्ञासा ने बताया कि उनको यूपीएससी की तैयारी करनी थी व लॉ को उन्होंने वैकल्पिक विषय के तौर पर चुना था, लेकिन बाद में जिज्ञासा बढ़ती गई और इसी में पहचान हासिल करने की ठानी। उन्होंने कहा कि किसी काम को मन में ठान लिया जाए तो कोई काम मुश्किल नहीं होता।
भुवनेश ने Haryana Judiciary Exam में प्रदेश में पाया छठा रैंक
डिफेंस कॉलोनी के रहने वाले भुवनेश ने बताया कि एक बार पहले भी परीक्षा दी थी लेकिन तब सफल नहीं हो पाया। इस बार प्रदेशभर में छठा रैंक हासिल किया है। परिवार में कोई भी जज नहीं है, लेकिन मैंने इसे ही चुना ताकि पीड़ित पक्ष को न्याय दिलवाने में मदद कर सकूं। उन्होंने कहा कि जज का पेशा बहुत ही सम्मानित और जिम्मेदारी भरा होता है। उन्होंने बताया कि पिता सुबाष सैनी एक बिजनेसमैन हैं, वहीं मां लक्ष्मी गृहिणी हैं। दादा हरिसिंह सैनी भारतीय नेवी में ऑफिसर इंचार्ज थे।
Haryana Judiciary Exam में पड़ाव क्षेत्र का दीपक चमका
न्यायाधीश परीक्षा में चयन होने के बाद पड़ाव क्षत्र के रहने वाले दीपक यादव ने बताया कि पिता बलदेव यादव बिजनसमैन हैं और मां नेहा एक गृहिणी हैं। उन्होंने बताया कि दसवीं कक्षा तक की पढ़ाई उन्होंने आईडीडीएवी स्कूल से की थी। साल 2014 में उन्होंने केएलआर्य डीएवी स्कूल से 12वीं की कक्षा पास की। वर्ष 2019 में केयूके से बीए व एलएलबी पढ़ाई की। 2021 में एलएलएम की परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके बाद नेट भी क्वालीफाई किया। Haryana Judiciary की परीक्षा पास करने के लिए उन्होंने दिनरात मेहनत की और सफलता मिल गई। उन्होंने कहा मेरा जज बनने का मेरा सपना था जो Haryana Judiciary की परीक्षा पास करके पूरा हो गया।
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