Mulayam Singh Yadav Last Rites: समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का मंगलवार को सैफई ग्राउंड में अंतिम संस्कार किया गया। उनके अंतिंम दर्शन करने के लिए देश की बड़ी-बड़ी हस्तियां पहुंची और उनके पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि दी।
Mulayam Singh Yadav Last Rites : समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव नेताजी इटावा के सैफई गांव में जन्मे और मंगलवार को उसी भूमि पर पंचतत्व में विलीन हो गए । गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती नेताजी का सोमवार को मुलायम सिहं यादव का निधन (Mulayam Singh Yadav passes away) होने के बाद पार्थिव शरीर पैतृक गांव के आवास में लाया गया। मंगलवार की सुबह से सैफई ग्राउंड में पंडाल में पार्थिव शरीर पहुंचने पर अंतिम दर्शन करने वालों का तांता लगा रहा। यहां देश की राजनीति से जुड़े वरिष्ठ नेता, फिल्मी जगत की हस्तियों समेत उद्योगपति भी अंतिम दर्शन करने पहुंचे और नेताजी की अंत्येष्टि में शामिल हुए।
ये बड़ी हस्तियां पहुंची अंत्येष्टि में
सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के अंतिम दर्शन करने पहुंचे केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, फिल्म अभिनेता अभिषेक बच्चन, उनकी मां जया बच्चन और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शरद पवार की पुत्री पूर्व सांसद सुप्रिया सुले भी अंत्येष्टि में शामिल होने पहुंची।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलाते, आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू. केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल, सहारा प्रमुख सुब्रत राय, सांसद वरुण गांधी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, किसान नेता राकेश टिकैत, कांग्रेस नेता कमलनाथ, केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल, बाबा रामदेव, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक भी नेताजी के पार्थिव शरीर पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
मुलायम सिंह यादव की अंतिम विदाई में उमड़ा जनसैलाब
समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव को श्रद्धाजंलि देने के लिए सैफई में जनसैलाब उमड़ पड़ा। डेढ़ लाख से ज्यादा लोग पहुंचे ।सभी अपने नेता के अंतिम दर्शन करने के लिए उतावले दिखाई दिए। लोगों में एक-दूसरे को धकेलकर आगे बढ़ने की होड़ मची रही। मंच पर सांसद से लेकर विधायक और यहां तक कि बड़े नेता भी लाइन में लगे।
राजकीय सम्मान के साथ नेताजी का हुआ अंतिम संस्कार
समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। अखिलेश यादव ने पिता मुलायम सिंह यादव को मुखाग्नि दी। समाजवादी पार्टी के संरक्षक और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का मंगलवार को उनकै पैतृक निवास स्थान सैफई में अंतिम संस्कार हो गया। उनके बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उन्हें मुखाग्नि दी। पूर्व केंद्रीय मंत्री मुलायम सिंह यादव का निधन सोमवार को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में सोमवार को हो गया था। वे कई बीमारियों से ग्रसित थे और लगभग एक महीने पहले भर्ती कराए गए थे।
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मुलायम सिंह यादव का जीवन परिचय
तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहने वाले Mulayam Singh Yadav को यूपी ही नहीं देश की राजनीति का बड़ा चेहरा माना जाता है। राजनीति में आने से पहले मुलायम सिंह एक शिक्षक थे। 1963 में मुलायम ने बतौर सहायक अध्यापक पहली नौकरी की। जैन इंटर कॉलेज में ही मुलायम सिंह यादव 11 साल बाद 1974 में राजनीत शास्त्र के प्रवक्ता के तौर पर पदोन्न हुए जिसके बाद से मुलायम सक्रिय राजनीति में आ गए। 1967 में मुलायम पहली बार जसवंत नगर से विधायक बनें। 1984 में राजैनतिक व्यस्तता के चलते उन्होंने शिक्षक पद से इस्तीफा दे दिया।
पहलवानों को अखाड़े में देनी शुरू कर दी थी पटखनी
Mulayam Singh Yadav का बचपन बड़ा रोचक रहा है। वहीं बचपन में ही अखाड़े की मिट्टी ने उनको अपनी ओर खींच लिया था। जवानी की दहलीज में कदम रखने से पहले ही उन्होंने अपने साथी पहलवानों को पटखनी देनी शुरू कर दी थी।
बताया जाता है कि पहलवानी के दौर में अखाड़े में मुलायम सिंह का प्रिय दांव होता था- ‘चरखा’ तब किसी ने ये नहीं सोचा था कि कि धोबी पछाड़ का यही दांव वे राजनीति में भी अपनाएंगें। मुलायम सिंह यादव का अखाड़ा प्रेम धीरे-धीरे उनके पूरे इलाके में मशहूर हो गया। मुलायम अपने साथी पहलवानों के साथ दूरदराज में होने वाले कुश्ती मुकाबलों में शिरकत करने लगे।
Mulayam Singh Yadav ने की थी दो शादी
पांच भाई-बहनों में दूसरे नंबर पर मुलायम सिंह की दो शादियां हुईं। Mulayam Singh Yadav की पहली शादी घरवालों ने 18 साल की उम्र में ही कर दी थी। मुलायम उस वक्त दसवीं की पढ़ाई कर रहे थे। लोग बताते हैं कि उस वक्त गाड़ी-मोटर का इतना चलन नहीं था इसलिए मुलायम की बारात भैंसागाड़ी में गई थी। मुलायम भैंसागाड़ी लेकर अपनी शादी में पहुंचे थे। साल 2003 में मुलायम सिंह की पहली पत्नी और अखिलेश यादव की मां मालती देवी का निधन हो गया था। जिसके बाद 23 मई साल 2003 में मुलायम सिंह ने साधना गुप्ता को अपनी पत्नी का दर्जा दिया था। साधना यादव सपा नेता 20 साल छोटी हैं।
सामाजिक ताने बाने की समझ और सियासत में गहरी पकड़
1967 में Mulayam Singh Yadav की उम्र 28 साल की ही थी। मुलायम सिंह की सामाजिक ताने बाने की समझ और सियासत में गहरी पकड़ की वजह से उनके गुरु नाथू सिंह ने जसवंतनगर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ाया। इस चुनाव में मुलायम सिंह यादव ने जोरदार जीत दर्ज की। इसके बाद 1974 और 1977 में हुए मध्यावधि चुनाव में मुलायम को जीत हासिल हुई।
तीन बार बने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री
समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव एक भारतीय राजनीतिज्ञ थे जो एक विपुल राजनीतिक पोर्टफोलियो वाले नेता थे। वे 1989 से 1991, 1993 से 1995 और 2003 से 2007 तक तीन कार्यकालों के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे थे । मुलायम सिंह यादव यादव पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पिता हैं। उन्होंने 1996-1998 में भारत के रक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया।
उन्हें 1974-2007 के बीच सात कार्यकालों के लिए उत्तर प्रदेश के विधायक के रूप में चुने गए। मुलायम सिंह ने विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ गठबंधन किया, जब तक कि उन्होंने 1992 में उन्हीं के द्वारा स्थापित राजनीतिक पार्टी समाजवादी पार्टी में नेतृत्व करने का फैसला किया । उनके नेतृत्व में पार्टी ने कई बार जीत हासिल की, जिसने उन्हें उत्तर प्रदेश में एक प्रमुख एवं अग्रणी दल के रूप में स्थापित कर दिया।10 अक्तूबर 2022 को मुलायम सिंह यादव ने गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली। वे पिछले कुछ दिनों से गंभीर रूप से बीमार थे। मुलायम सिंह यादव का मंगलवार को उनके पैतृक गांव सैफई में अंतिम संस्कार किया।