Congress Party Big Change : कांग्रेस ने 2024 के चुनाव की तैयारी को लेकर कमर कस ली है। इसको लेकर कांग्रेस हाईकमान ने छह राज्यों में पार्टी के बड़े पदों को लेकर फेरबदल किया है। अब ये तो आने वाला समय ही बताएगा कि फेरबदल से 2024 चुनाव में कांग्रेस कैसा प्रदर्शन करेगी। लेकिन इससे इतना जरूर है कि अभी से विरोधी खेमे में खलबली मच गई है।
राहुल के करीबी माने जाने वाले दीपक बाबरिया को हरियाणा की कमान
Congress Party ने छह प्रदेशों में बड़ा फेरबदल (Big Change) किया है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को राज्यसभा सांसद शक्तिसिंह गोहिल को दिल्ली-हरियाणा के पद से मुक्त कर गुजरात कांग्रेस का प्रभारी नियुक्त किया है। वहीं हरियाणा में राहुल के करीबी माने जाने वाले दीपक बाबरिया को अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (AICC) की कमान सौंपी गई है। दीपक बाबरिया इससे पहले मध्यप्रदेश का कार्यभार दे चुके हैं उनके पास दिल्ली और हरियाणा का प्रभार रहेगा।
गुटबाजी पर अब राहुल गांधी की रहेगी सीधी नजर
हरियाणा मे Congress Party के पिछड़ने का बड़ा कारण आपसी गुटबाजी है। अगर कांग्रेस दीपक बाबरिया के जरिए इस गुटबाजी को तोड़ने में कामयाब हो पाए तो प्रदेश में इस बार बड़ा बदला ((Big Change) हो सकता है। दीपक बाबरिया को हरियाणा का प्रभारी बनाने के साथ ही राहुल गांधी की नजर अब हरियाणा में चल रही गुटबाजी पर भी रहेगी। हरियाणा में इस गुटबाजी को कमजोर कर दिया जाए तो प्रदेश में कांग्रेस पार्टी बड़े बदलाव (Congress Party Big Change) की तरफ बढ़ सकती है। दीपक बाबरिया पर इसको लेकर बड़ी जिम्मेदारी रहेगी।
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हरियाणा में इस बार जग रही कांग्रेस की उम्मीद
कांग्रेस नें हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन बहाली के नाम पर सता में वापसी की है। हरियाणा में भी यही कार्ड खेला जा रहा है। कर्मचारी पुरानी पेंशन को लेकर लंबे समय से मांग कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी ने हरियाणा की सत्ता में आते ही पहली बैठक में पुरानी पेंशन बहाली करने का वादा किया है। ऐसे में कांग्रेस इसे एक अच्छा अवसर समझ रही है और दस साल बाद हरियाणा में फिर से कमबैक करने की तैयारी में जुट गई है।
हरियाणा में कांग्रेस का नया संगठन होगा तैयार
आपसी गुटबाजी के कारण हरियाणा में पीछे नौ साल से कांग्रेस का संगठन भंग है। अब दीपक बाबरिया के नेतृत्व में हरियाणा प्रदेश में नया संगठन तैयार किया जाएगा। कांग्रेसी नेताओं की आपसी खींचतान की वजह से प्रदेशाध्यक्ष तो बदलते रहे लेकिन संगठन नहीं बन पाया। इसी के चलते आला हाईकमान ने ये फेरबदल किया है। आला हाईकमान का पूरा ध्यान अब हरियाणा में चल रही गुटबाजी को खत्म करने पर रहेगा। अब ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि वे कितने कामयाब होंगे लेकिन फिलहाल कांग्रेस नई ताकत के साथ हरियाणा में वापसी को लेकर कमर कस चुकी है।
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