Sachpost News, eight ex-mla return congress : जो हुआ सो हुआ…छोड़ो कल की बातें कल की बात पुरानी नए दौर में लिखेंगे हम मिलकर नई कहानी। शायद यही गीत सुनाकर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने Congress पार्टी में eight ex-mla को eturn यानि घर वापसी करवादी है। इनमें से ऐसे चार ex-mla हैं, जिनको ढाई साल पहले आजाद चुनाव लड़ने के कारण तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने छह साल के लिए निष्काषित कर दिया था। अब देखने वाली बात यह है इन Eight mla की Congress में Eturn यानि वापसी पर क्या ये पार्टी में कोई नया करिश्मा कर पाएंगे। यह तो वक्त ही बताएगा लेकिन eight ex-mla return congress यानि वापसी से भूपेंद्र सिंह हुड्डा के हाथ जरूर मजबूत हुए हैं।
मेरिट के आधार पर दिया जाएगा टिकट
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस पार्टी प्रदेशाध्यक्ष चौधरी उदयभान ने पूर्व विधायकों को पूरे मान-सम्मान का भरोसा दिलाया। वहीं प्रदेशाध्यक्ष उदयभान ने कहा कि पूर्व विधायकों ने बिना किसी शर्त के पार्टी ज्वाइन की है, टिकट के लिए कोई कोटा सिस्टम नहीं होगा। मेरिट के आधार पर ही पार्टी से टिकट मिलेगा।
कांग्रेस ज्वाइन करने वालों नेताओं की प्रोफाइल eight ex-mla return congress
शारदा राठौर: फरीदाबाद जिले की बल्लभगढ़ विधानसभा सीट से 2005 में विधायक रहीं। 2019 में विधानसभा चुनाव से पहले अगस्त में कांग्रेस पार्टी को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था।
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राम निवास घोड़ेला: 2009 विधानसभा चुनाव में रामनिवास घोड़ेला बरवाला विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे| 2019 में उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में चुनाव लड़ा था।
नरेश सेलवाल : नरेश सेलवाल हिसार जिले की उकलाना (सुरक्षित) से 2009 में विधायक चुने गए| क्षेत्र की वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों को देखते हुए नरेश सेलवाल के वापिस पार्टी में आने से कांग्रेस को एससी समाज में पार्टी का विस्तार होगा|
परमिंदर सिंह ढुल: 2009 और 2014 में जुलाना सीट से इनेलो की टिकट पर जीतकर विधायक चुने गए और दोनों चुनाव में जीत का अंतर 10,000 वोटों से भी अधिक रहा | 2019 में भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ा लेकिन जीत नहीं पाए|
जिले राम शर्मा : 2009 में करनाल जिले की असंध सीट से पं. जिले राम शर्मा विधायक रह चुके हैं।
राकेश कंबोज: राकेश कंबोज 2005 में करनाल जिले की इंद्री सीट से विधायक रहे| हजकां के प्रत्याशी के रुप में 2009 और 2014 में इसी सीट से चुना लड़ा लेकिन जीत नहीं पाए।
राजकुमार वाल्मीकि : 1985 से 1991 तक राजकुमार वाल्मीकि यूथ कांग्रेस में सेक्रेटरी पद पर रहे। 1991 से 1996 तक जुंडला विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे और मुख्य संसदीय सचिव के पद पर रहे| 1998 में लोकसभा अंबाला से चुनाव लड़े, जिसमें उन्हें करीब 1,75000 वोट प्राप्त किए| 2014 में लोकसभा क्षेत्र अंबाला से चुनाव लड़े, जिसमें उन्हें करीब 3 लाख वोट प्राप्त हुए| 2006 से 2014 तक scheduled caste finance and development corporation के चेयरमैन पद पर रहे| आम आदमी पार्टी को छोड़ कर कांग्रेस में शामिल हुए हैं|
सुभाष चौधरी: सुभाष चौधरी (पूर्व मंत्री) विधानसभा क्षेत्र जगाधरी से 1996 से 2000 विधायक और मंत्री रहे। 2005 से 2009 तक विधायक रहे।
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