First Night Of Marriage : शादी को धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक तौर पर बहुत अहम माना जाता है। वहीं शादी की पहली रात (First Night Of Marriage) को और भी महत्वपूर्ण माना जाता है। इस रात की खास रूप से तैयारी की जाती है। इसे रस्मों और परंपराओं के साथ मनाया जाता है। असल में यह रात दो साथियों के बीच समझौता, प्रेम और विश्वास की शुरुआत का प्रतीक है. यह रात दोनों के बीच आपसी समझ और एक- दूसरे के साथ सहयोग करके नए पारिवारिक जीवन की शुरुआत करने का अवसर होता है।आखिर क्या कारण हैं कि भारत में इसे सुहागरात का नाम दिया गया है, आइए जानते हैं First Night Of Marriage के बारे में ।
असल में यह रात एक महत्वपूर्ण परिवर्तन का प्रतीक होती है जब दोनों पति और पत्नी आपसी संबंधों को मजबूती प्रदान करते हैं विवाहित जीवन को स्थायी बनाने का प्रयास करते हैं ।
यह रात भविष्य के आपसी सम्बन्धों के निर्वहन की शुरुआत है. यह रात भविष्य के आपसी सम्बन्धों के निर्माण में मददगार साबित होती है और दोनों के बीच विश्वास, सम्मान, प्रेम और सहयोग की नींव रखती है।
इसे सुहागरात कहा जाता है क्योंकि इस समय नवविवाहित पति- पत्नी द्वारा भोजन, मनोरंजन, और विश्राम के अवसर पर उनके सुहाग का प्रतीक होता है.
सुहाग’ शब्द संस्कृत शब्द’ सुहागिनी’ से आया है जिसका अर्थ’ सौभाग्यशाली विवाहित महिला’ होता है. इसलिए इसे सुहागरात कहा जाता है और यह पूरी तरह से सुहाग को समर्पित होता है. सौभाग्यशाली विवाहित महिला की पहली उसके विवाहित जीवन की प्रारंभिक प्रस्तावना होती है ।
सुहागरात पर नवविवाहित पति- पत्नी के बीच रोमांटिक और आपसी सम्बन्धों का महत्वपूर्ण पल होता है, जिसमें वे अपने सम्बन्धों को गहराई से समझते हैं और उन्हें अपने दिल की बातें साझा करने का अवसर मिलता है.
एक अन्य मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सुहाग संस्कृत शब्द सौभाग्य से बना है. सुहाग और सुहागन शब्द शादी से जुड़ा हुआ है. पति के सौभाग्य को बढ़ाने के लिए सुहाग की निशानियां सुहागन को पहनाई जाती हैं. तो सुहाग की पहली रात की वजह से इसका नाम सुहागरात पड़ा है ।
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