Health Insurance Plan , Sachpost News : जब भी हम कोई बीमा योजना लेते हैं तो उसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं लेत और जब हम उसकी जरूरत पड़ती है तो ज्यादातर बीमा क्लेम रिजेक्ट (Insaurance Claim Rejection) हो जाता है जो हमारे लिए बाद में मुसीबत का कारण बन जाता है। बीमा लेते टाईन हम गलती से या जल्दबाजी में ये चीज नजरअंदाज कर देते हैं।
जीवन बीमा (Life Insaurance) हो या स्वास्थ्य बीमा (Health Insaurance )दोनों के प्रति लोगों का काफी रुझान रहता है. लेकिन किसी भी बीमा को लेने से पहले उसकी शर्तों और क्लेम से संबंधित सभी महत्वपूर्ण बातों की जानकारी होना जरूरी है।
आमतौर पर स्वास्थ्य बीमा रिजेक्ट होना काफी दुखद होता है. क्योंकि इस क्लेम की तब जरूरत पड़ती है जब बीमा धारक बहुत बीमार होता है. ऐसे में अगर क्लेम का पैसा नहीं मिलता है तो परिवार के सामने बहुत बड़ी मुसीबत खड़ी हो जाती है. क्लेम अटकने की वजह होती हैं वे गलतियां, जो हम इंश्योरेंस पॉलिसी लेते वक्त करते हैं.
बीमा लेते टाईम इन बातों का रखें ध्यान
विशेषज्ञों की माने तो पॉलिसी खरीदते टाईम यह सोचना चाहिए कि कौन सी पॉलिसी आपको लेनी है. जैसे की पॉलिसी का टर्म (Policy Term ), सम ऑफ़ अमाउंट (some of amount). क्योंकि सबकी पॉलिसी के लिए अपनी जरूरत काफी अलग होती है. तो यह उस पर निर्भर करता है.
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बीमा क्लेम रिजेक्ट होने का मुख्य कारण
क्लेम रिजेक्ट होने के दो ही मुख्य कारण होते है. जिसमें पहला कारण होता है कि कस्टमर जिस चीज के लिए क्लेम करना चाह रहा है वो पॉलिसी में नहीं आता हो.
जैसे कि किसी कस्टमर की पॉलिसी में इन पेशेंट ट्रीटमेंटहै और आउट पेशेंट ट्रीटमेंट (ओपीडी) नहीं है, मतलब की ओपीडी बेनिफिट नहीं मिल सकते.
अगर फिर ऐसे लोग रेगुलर चेकअप के लिए डॉक्टर के पास जाते है तो उसका क्लेम उन्हें नहीं मिलेगा क्योंकि ओपीडी क्लेम की पॉलिसी उनके पास नहीं है और ऐसी कंडीशन में क्लेम रिजेक्ट हो जाएगा.
ये सिर्फ इसलिए होता है क्योंकि कस्टमर को अपने टर्म्स एंड कंडीशन के बारे में पता ही नहीं होता है. कस्टमर को अपनी पॉलिसी के बारे में अच्छे से पढ़ना चाहिए. जल्दबाजी में पॉलिसी नहीं लेनी चाहिए।
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बीमा लेते समय ये बात छूपा ली तो पड़ेगा महंगा
इसके अलावा कस्टमर को कोई बीमारी थी और इसके बारे में उसने पॉलिसी लेते समय नहीं बताया होता तब भी क्लेम रिजेक्ट होते है. इंश्योरेंस एक लीगल डॉक्यूमेंट होता है ऐसे में कस्टमर को कभी भी अपने स्वास्थ्य के बारे में नहीं छुपाना चाहिए.
क्योंकि अगर कोई डायबिटीज का पेशेंट है और वह यह बात छुपा देता है तो जरूरत पड़ने पर उसे वह क्लेम नहीं मिलता है. इसलिए क्लेम लेने से पहले अपनी स्वास्थ्य से जुड़ी हर एक जानकारी बिल्कुल सही देनी चाहिए।
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