Mission Suryayan : चंद्रयान 3 के बादं शनिवार को आदित्य ए 1 लॉन्च कर दिया गया है। इसरो के वैज्ञानिकों के चेहरे में इस समय खुशी झलक रही है। क्योंकि चंद्रयान 3 की सफलता कुछ दिन पहले ही मिली। वैज्ञानिक चांद पर चंद्रयान से अध्ययन कर रहे हैं। अब mission suryayan aditya-L1 दुनिया के लिए रास्ते खोलेने का काम करेगा।
आपको बता दें कि आदित्य एल वन को लेकर बड़ी खबर आ रही है। Madhavan Nair, former chairman of the Indian Space Research Organization (ISRO) ने कहा कि भारत के पहले सूर्य मिशन ‘आदित्य-एल1’ के सफल प्रक्षेपण के साथ देश कुछ पूर्वानुमान मॉडल विकसित कर सकता है और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए एक प्लान तैयार कर सकता है।
आपको बता दें कि श्रीहरिकोटा से आदित्य उपग्रह को ले जाने वाले पीएसएलवी-सी57 की सफल उड़ान के बाद नायर ने कहा कि विभिन्न घटनाओं को समझने के लिए सौर सतह का अध्ययन करना बहुत महत्वपूर्ण है, जो ‘‘हमारी स्थानीय मौसम स्थितियों को तुरंत प्रभावित करती हैं।
पूर्व अध्यक्ष नायर ने कहा जलवायु परिवर्तन के अध्ययन में सौर विकिरण की दीर्घकालिक परिवर्तनशीलता भी एक बहुत महत्वपूर्ण कारक है। इसलिए, इन सभी क्षेत्रों में इस आदित्य मिशन के द्वारा बुनियादी ज्ञान हासिल किया जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि उपग्रह के अपेक्षित अंतिम गंतव्य लैग्रेंज बिंदु 1 (एल1) से उपग्रह 24 घंटे सूर्य का निरीक्षण कर सकता है और विभिन्न सौर घटनाओं के संबंध में सटीक डेटा मिल सकेगा।
आपको बता दें कि वर्ष 2003 से 2009 तक इसरो के अध्यक्ष रहे नायर ने कहा, पूर्वानुमान मॉडल बनाने की कोशिश कर सकते हैं, और मॉडल को इस प्रयोग के माध्यम से मान्य किया जा सकता है। यह कुछ संकेतक प्रदान कर सकता है जिसके आधार पर हम ग्रह के लिए एक लचीली योजना बना सकते हैं।
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